शुक्रवार, 8 अप्रैल 2011

छोटी सी चिड़ियाँ रानी


ओ मेरे राम जी !
ये छोटी सी चिड़ियाँ रानी ,
दीवानी ,
तुम्हारे नाम की |

कभी तुम्हारे स्नेह से,
अभिभूत ,
नैनों से नीर बहाई  ,

तो कभी तुम्हे साथ पाकर 
घंटो इस डाली से उस डाली ,
फुदक -फुदक चहचहाई  ,

कैसी अजब प्रीत तुहारी ,
ओ मेरे राम जी !

कभी फुदक के तुहारे ,
इस काँधे बैठी  ,
तो कभी उस काँधे बैठी 

मेरे राम जी,
समझाओ इस पगली ,
दीवानी को ,

तुम्हारी इस छोटी सी,
राम नाम की दीवानी को ,
इस छोटी सी,
चिड़ियाँ रानी को ,

दिन भर बस चहके  
ले तुम्हारा  नाम ,
बस ,

राम -राम-राम |

8 टिप्‍पणियां:

संजय भास्‍कर ने कहा…

..........दिल को छू लेने वाली प्रस्तुती

Kailash Sharma ने कहा…

बहुत सुन्दर भावपूर्ण अभिव्यक्ति ...

संजय भास्‍कर ने कहा…

बहुत ही सुंदर .... एक एक पंक्तियों ने मन को छू लिया ...

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

बढ़िया प्रस्तुति!

अनुभूति ने कहा…

आप सभी का बहुत - बहुत धन्यवाद |
यूँ ही मार्गदर्शन करते रहे |

डॉ. नूतन डिमरी गैरोला- नीति ने कहा…
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डॉ. नूतन डिमरी गैरोला- नीति ने कहा…

bahut sundar rachnaa... छोटी सी चिड़िया के माध्यम से प्रेम की गहण अभिभूति को दर्शाती कविता सुन्दर लगी.

vandana gupta ने कहा…

जिसके मुख पर राम नाम आ गया फिर तो वो ऐसे ही चहकेगा……।बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति।

तेरी तलाश

निकला था तेरी तलाश में भटकता ही रहा हुआ जो सामना एक दिन आईने से , पता चला तू तो ,कूचा ए दिल में कब से बस रहा ................