मेरे राम !
जिस रूप में तुम आओ
मेरी इन अखियन के सामने
मैं मन्त्र मुग्ध सी देखती ही जाऊं
केवल तुम्हारे चरण के धाम को
सारा संसार होगा मुग्ध
तुम्हारे रूप .
रंग नाम
पे बलि हारी
मैं दीवानी,
एक पगली सी
तेरे कदमो पे जीवन हारी
कोई भोर न ऐसी जीवन की
जब न में, न पहनाऊं तोहे
चरण पादुका
अपने स्नेह नाम की
तुझसे ही सिखा हैं
सिखा "उसके सुख में सुखी रहना "
तुझसे ही पायी हैं
अपने राम के असीम स्नेह की कृपा अपार
मेरा जीवन महके पाके
तेरा ये स्नेह दुलार
श्री चरणों में तुम्हारी अनुभूति
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