
इसीलिए वो एक चेहरा दुनिया से भी छिपा होता हैं |
जिन चेहरों पे नकाब नहीं होता हैं
वो चेहरा खुदा के बहुत करीब होता है ,
क्योकि सत्य को उसे खोजना नहीं होता ,
सत्य तो सदा उसके साथ होता हैं |
जिन चेहरों पे नकाब होता है वास्तव ,
मै वो ही दुनिया मै खराब होता हैं |
बड़ी बड़ी बातो से बड़ा नहीं होता इंसान ,
उसको क्या पता झुकने से ही बड़ा बनता हैं इंसान |
विशवास की धरा पर खिल रहा फुल ही पेड़ बन पता हैं ,
नहीं तो वो भी बहार बन कर उड़ जाता है |
इन सब के आगे हर सवाल अधूरा रह जाता हैं
क्योकि हर चेहरे पे नकाब चदा नजर आता हैं |