राम ,राम ,राम लेते लेते ही निकले प्राण
प्रभु तुम्हारी ये ही तो इच्छा हैं |
तेरी इच्छा ,
तेरे आदेश के साथ ,तेरा आदेश
सदा सब स्वीकार |
इसमें कभी मुझको नहीं इनकार ,
राम तो साथ खड़े मेरे जीवन की हर झंकार
तेरा तुझको अर्पण प्रभु मेरे
के कर अब स्वीकार
कर दो इस आत्मा का उद्धार
तिल - तिल तुझको पाना ही मेरा जीवन
सब कुछ कर दिया न जाने कब से समर्पण
पाने की नहीं तेरे चरणों में मिट जाने की इच्छा हैं
बस मिट जाने दो , इस देह को भी अब ख़ाक हो जाने दो |
तुमसे मेरे राम ये ही आशीष ये ही तम्मना हैं |
करो स्वीकार मेरा भक्ति संसार
मेरे राम !
मेरे राम !
"तुम्हारे श्री चरणों में अनुभूति को कर लो स्वीकार मेरे राम !"
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