मेरे कृष्णा !
मेरी सांसे .मेरा जीवन
सब कुछ तेरे नाम पे न जाने कब से गिरवी पडा हैं
कभी तो श्याम इस प्यासी आत्मा को अपने कदमो से लगा लो
समझो इन सांसो से उहती रूह की आह भी
श्री चरणों मे तुम्हारी अनु
निकला था तेरी तलाश में भटकता ही रहा हुआ जो सामना एक दिन आईने से , पता चला तू तो ,कूचा ए दिल में कब से बस रहा ................
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