मंगलवार, 30 अगस्त 2011

मेरे तो गिरिधर गोपाल


मेरे तो गिरिधर गोपाल 
 जीवन का अद्भुत रस आलोकिक अहसास मेरे  कृष्णा !
 की प्रीत ,ऊनकी चाकरी ये ही हैं जीवन
अनुभूति

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तेरी तलाश

निकला था तेरी तलाश में भटकता ही रहा हुआ जो सामना एक दिन आईने से , पता चला तू तो ,कूचा ए दिल में कब से बस रहा ................