मेरी पहली कविता
तुम्हारे लिए हां सिर्फ तुम्हारे लिए
निगाहें खोजती हैं वो अनजाना सा अपना साया ,
धडकनों को तलाश हैं अपनी सी धडकन की
मेरे करीब तुम यंहा कही नहीं ,
मेरे करीब तो हैं ये बनावटी लोग बनावटी दुनिया
तुम क्यों दूर चले गए इस अपनत्व और प्यार से ?
अनुभूति
तुम्हारे लिए हां सिर्फ तुम्हारे लिए
निगाहें खोजती हैं वो अनजाना सा अपना साया ,
धडकनों को तलाश हैं अपनी सी धडकन की
मेरे करीब तुम यंहा कही नहीं ,
मेरे करीब तो हैं ये बनावटी लोग बनावटी दुनिया
तुम क्यों दूर चले गए इस अपनत्व और प्यार से ?
अनुभूति
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