मेरे राम ,
जब देखू में तुहारी ये अखियाँ
खो जाऊं में संसार की भूल बतियाँ ,
मुझे प्यारा सबसे तेरा सच ,
तेरे वचन , तेरे शब्द , तेरी मुस्कान
आपसे ही जुडी हैं मेरी हर सास
आप ही मेरे ठाकुर !
आप ही मेरे जागीरदार
मेअधीन आप के ,
बिन दिए भी मानु
आप का आदेश हर सांस
बसे हो मुझे में अपनी ,
आदेश की खुबसूरत हुकूमत के साथ
जिसके एक आदेश के साथ मिट जाएँ मेरा जीवन
अद्भुत होगा ऐसे मेरे राम का दर्शन
संजोये रखे ही नहीं अपनाए हैं
मेने जिन्दगी की लड़ियों में आप के आदर्श
सिखा हैं ,निभाती चलूंगी
बस मुझे यूँ ही राह दिखाते चलना
तेरे सिवा दूजा कोई नहीं
जो कभी मेरी सुरक्षा के लिए हाथ बदाये
बस मुझे यूँ ही अपने स्नेह आशीष
से महफूज बनाएं चलना |
अनुभूति
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