मेरे कोस्तुभ धारी के श्री चरणों में एक गीत ,
मेरे कृष्णा!
पूजा में लगने वाला वो रक्त बिंदु
तुम्हारा मेरी आत्मा पे एक छत्र स्वामित्व का एहसास करता हैं
और आत्मा से तन, मन के समर्पण को स्वीकार करता हैं |
मेरे कृष्णा!
पूजा में लगने वाला वो रक्त बिंदु
तुम्हारा मेरी आत्मा पे एक छत्र स्वामित्व का एहसास करता हैं
और आत्मा से तन, मन के समर्पण को स्वीकार करता हैं |
अनुभूति
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