इन्तजार !!
सोलह बरस की उमर से ,
पच्चीसवें बसंत का इन्तजार ,
ना जाने किन -किन हसरतो,
को मन के किसी कोने में छुपाए रखता हैं |
भीगी मेहंदी से रची
हथेलियों की खुशबू का इन्तजार ,
या मन ही मन
उनसे मिलने का इन्तजार |
हां ,
जीवन का हर पल
किसी न किसी ख़ुशी का इन्तजार ही तो है |
-- अनुभूति
6 टिप्पणियां:
इन्तज़ार
की मिठास
वाह अनूठा एहसास
बहुत खूब।
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति!
इन्तजार के पल सुनहरे होते हैं!
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति!
सही कहा जीवन भर हम ख़ुशी का इंतज़ार ही करते हैं...
नीरज
शायद जीवन इसी का नाम है ... इंतज़ार .... और इसमें जो मज़ा है वो किसी में नहीं ....
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