तुम्हारा हर शब्द मेरी आत्मा तक पहुँचता है .
हर शब्द मुझे झकोर -झकोर के कहता है कि
मैं तुम्हारे लिए ही मन के आंगन से निकला हूँ .
,
हर बार जवाब मिलता है मुझे,
मेरा तुम्हारे शब्दों से ,
तुम्हारी वेदना,
और सब कुछ कह के भी चुप रह जाने की आदत से
मैं तुम्हारे इसी विश्वास के साथ बंधी हूँ
और सदा बंधी रहूंगी|
तुम्हारे इस स्नेह पाश में सदा बंधी रहूंगी |
-- अनुभूति
9 टिप्पणियां:
Achchaa hai
शब्दों की जादूगरी भावनाओं का ज्वार
स्नेह के बंधन को बांधे बार बार. सुंदर प्रस्तुति
एहसास की यह अभिव्यक्ति बहुत खूब
जी बहुत बढ़िया अभिव्यक्ति..
जब भी गुजरते है इस एहसासों के गलियारे से..
हर सांस एक एहसास क्यों हो जाती है!
कुंवर जी,
धन्यवाद |
लक्ष्मी जी
एक संक्षिप्त पर प्रभावी अभिव्यक्ति
Prem ke bandhan se nikalna aasaan nahi hota ... achee rachna hai ...
बहुत बढ़िया!
bahut khoob!
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