रविवार, 10 जुलाई 2011

अपने कृष्णा के चरणों में


 
एक बहुत सुन्दर गीत जिसकी हर रिदम मुझे बचपन से बेहद पसंद हैं
और जब आत्मा अपने कृष्णा के चरणों में डूबी होती हें
 तो इस गीत के सुरों पे नाच उठने का मन करता हैं |
अपने कृष्णा के चरणों में
अर्पित ये गीत
अनुभूति

तेरी तलाश

निकला था तेरी तलाश में भटकता ही रहा हुआ जो सामना एक दिन आईने से , पता चला तू तो ,कूचा ए दिल में कब से बस रहा ................