गुरुवार, 23 जून 2011

एक अद्भुत भजन " मेरे राम का "


एक अद्भुत भजन
" मेरे राम का "
अनुभूति

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तेरी तलाश

निकला था तेरी तलाश में भटकता ही रहा हुआ जो सामना एक दिन आईने से , पता चला तू तो ,कूचा ए दिल में कब से बस रहा ................