पलकों पे सपने सजाता हैं जीवन ,
तुम्हारे आने से गाता है जीवन .
खामोशियों से जब तुम मेरे करीब आक
निकल जाते हो ,
मै तुम्हारी उसी खुशबू में महक जाती हूँ .
किसी पौधे में पानी डालते -डालते
जब गुनगुना रहे होते हो ,
वहीं बहती हवा बनकर झूम रही होती हूँ मै,
और तुम जब महसूस करने लगते हो मुझे,
एक लहर बन कर उड़ जाती हूँ मै |
-- अनुभूति
1 टिप्पणी:
भावपूर्ण रचना के लिये बधाई !
बहुत देर से पहुँच पाया ....माफी चाहता हूँ..
एक टिप्पणी भेजें