tag:blogger.com,1999:blog-7869755947661159899.post3353855204890213791..comments2024-03-18T14:45:46.354+05:30Comments on रसात्मिका {RASAATMIKA}: दोस्तीUnknownnoreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-7869755947661159899.post-70907882927476690392010-07-28T14:50:30.223+05:302010-07-28T14:50:30.223+05:30मित्र धोखा नही देते है,दोस्त फ़िर भी धोखा दे देते ह...मित्र धोखा नही देते है,दोस्त फ़िर भी धोखा दे देते हैं.कारण मित्र में मै त्रिय भाव होता है,दोस्त में दो उस्ताद मिले होते है.रामेन्द्र सिंह भदौरियाhttps://www.blogger.com/profile/16542171789034654192noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7869755947661159899.post-31348048218848357012010-07-28T14:11:50.318+05:302010-07-28T14:11:50.318+05:30अच्छी अभिव्यक्ति ,,,,,आजकल kuchh लोग दोस्ती का नाम...अच्छी अभिव्यक्ति ,,,,,आजकल kuchh लोग दोस्ती का नाम बदनाम किये हुए है ,,,परन्तु सच्चे दोस्त अभी भी बहुत मिलते है ,,,अच्छे दोस्तों का विचार आते ही एक बड़ी सूची जहन में आती है वही ,,,एक भी धोखेबाज दोस्त अगर ढूंढे तो ,,,मुश्किल होगी ,,,,,,जो भी हो आपकी रचना प्रशंशनीय है ,,बधाई स्वीकारेRahttps://www.blogger.com/profile/08726389437723424230noreply@blogger.com