tag:blogger.com,1999:blog-7869755947661159899.post2386710514177478960..comments2024-03-18T14:45:46.354+05:30Comments on रसात्मिका {RASAATMIKA}: अहसास और तुमUnknownnoreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-7869755947661159899.post-92108135684957477482010-06-07T07:26:49.813+05:302010-06-07T07:26:49.813+05:30बहुत से गहरे एहसास लिए है आपकी रचना ...बहुत से गहरे एहसास लिए है आपकी रचना ...संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7869755947661159899.post-65654300002802613632010-05-30T21:35:58.857+05:302010-05-30T21:35:58.857+05:30"बिन कहे भी सब कुछ कह जाते हो तुम
मेरे आस पास..."बिन कहे भी सब कुछ कह जाते हो तुम<br />मेरे आस पास आकर हर अहसास को केसे छु जाते हो तुम |"<br />अन्तर्मन की भावना भगवान और भक्ति के प्रति कितनी संजीदगी प्रदान करती है.हर व्यक्ति की मनोदशा के अनुसार उसी की भावना को प्रदान करने वाली,वाह ! स्वागत है इस प्रकार की अनौखी भावनाओं का,आशा है प्रयास हमेशा जारी रहेगा,अनवरत और इसी तरह से.Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/06829081856903226061noreply@blogger.com