सोमवार, 8 अगस्त 2011

बरसता स्नेह तुम्हारे नाम

   बरसता स्नेह तुम्हारे नाम

   ये तेरे नाम की तिशनगी रहे रोशन मेरी सासों में,

  तेरी मोहब्बत बहती हैं बन के आफ़ताब इन सांसो में |



  बरसता हैं तेरा असीम स्नेह मुझपे ,जेसे खुदा लुटा रहा हो हुस्न 

  मुझपे बनाके कोई शमशीर ,मेरे लबो की सिहरन पे |

तेरी तलाश

निकला था तेरी तलाश में भटकता ही रहा हुआ जो सामना एक दिन आईने से , पता चला तू तो ,कूचा ए दिल में कब से बस रहा ................