गुरुवार, 28 जुलाई 2011

रसात्मिका

एक जिन्दगी ,एक सच ,

एक एहसास खिलते मन का ,

एक खुशबु ,एक अधूरा ,स्वप्न

एक कठोर सत्य

एक यथार्थ सत्य से परे का एहसास

एक जिन्दगी जीने को मजबूर

एक खुला आकाश स्नेह का

एक अनसुलझी पहेली

एक कठपुतली

अनुभूति

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तेरी तलाश

निकला था तेरी तलाश में भटकता ही रहा हुआ जो सामना एक दिन आईने से , पता चला तू तो ,कूचा ए दिल में कब से बस रहा ................