शुक्रवार, 18 मार्च 2011

पट तो गै रानी

गोकुल के घनश्याम
मीरा के बनवारी

हर रूप में तुहारी छवि
अति प्यारी

मुरली बजाके 
रास -रचाए |
और कह ग्वालों से 
पट तो गै रानी

अरे कान्हा ,
मीरा तो प्रेम दीवानी 
और राधा दरस दीवानी 

दोनों ही तेरे अधीन ही
फिर तू काहे कहे
पट तो गै रानी|

14 टिप्‍पणियां:

Udan Tashtari ने कहा…

सुन्दर

रश्मि प्रभा... ने कहा…

अरे कान्हा ,
मीरा तो प्रेम दीवानी
और राधा दर्श दीवानी

दोनों ही तेरे अधीन ही
फिर तू काहे कहे
पट तो गै रानी|
bahut hi sundar bhaw , aapko ek chutki abeer

नीरज गोस्वामी ने कहा…

होली की ढेरों शुभकामनाएं.
नीरज

vandana gupta ने कहा…

कान्हा प्रेम के रंगो मे रंगी बेहद खूबसूरत रचना……………होली की हार्दिक शुभकामनायें।

Kailash Sharma ने कहा…

बहुत सुन्दर..होली की हार्दिक शुभकामनायें!

सुरेन्द्र सिंह " झंझट " ने कहा…

अति सुन्दर

अनुभूति ने कहा…

मेरे ब्लॉग को पड़ने वाले और ब्लॉग के सभी आदरणीय सदस्यों को को होली की हार्दिक शुभकामनायें |
मेरा मार्ग दर्शन करते रहे और मेरे बड़े मुझे आशीष देते रहे |

Er. सत्यम शिवम ने कहा…

आपकी उम्दा प्रस्तुति कल शनिवार (19.03.2011) को "चर्चा मंच" पर प्रस्तुत की गयी है।आप आये और आकर अपने विचारों से हमे अवगत कराये......"ॐ साई राम" at http://charchamanch.blogspot.com/
चर्चाकार:Er. सत्यम शिवम (शनिवासरीय चर्चा)

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

बहुत सुन्दर!
होली की शुभकामनाएँ!

Satish Saxena ने कहा…

यह रंग अनमोल है ....
शुभकामनायें होली पर !

अजय कुमार ने कहा…

अच्छी रचना

सुरक्षित , शांतिपूर्ण और प्यार तथा उमंग में डूबी हुई होली की सतरंगी शुभकामनायें ।

नीरज मुसाफ़िर ने कहा…

आपको होली की शुभकामनाएं।

अनुभूति ने कहा…

आप सभी टिप्पणी दाताओं को होली की रंग भरी शुभकामनाएं |
और बहुत बहुत आभार |

Neeraj ने कहा…

आहा... मजा आया ... अति सुन्दर

तेरी तलाश

निकला था तेरी तलाश में भटकता ही रहा हुआ जो सामना एक दिन आईने से , पता चला तू तो ,कूचा ए दिल में कब से बस रहा ................