शुक्रवार, 25 मार्च 2011
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तेरी तलाश
निकला था तेरी तलाश में भटकता ही रहा हुआ जो सामना एक दिन आईने से , पता चला तू तो ,कूचा ए दिल में कब से बस रहा ................
निकला था तेरी तलाश में भटकता ही रहा हुआ जो सामना एक दिन आईने से , पता चला तू तो ,कूचा ए दिल में कब से बस रहा ................
4 टिप्पणियां:
यही तो उसकी खास अदा है…………।बेहद उम्दा भाव्।
krishn ... ab to suno
वियोग श्रंगार का भी अलग ही रंग होता है!
धन्यवाद ,
आप सभी का आभार |
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