सोमवार, 7 जून 2010

नकाब

एक नकाब हर चहरे पे होता हैं
इसीलिए वो एक चेहरा दुनिया से भी छिपा होता हैं |

जिन चेहरों पे नकाब नहीं होता हैं
वो चेहरा खुदा के बहुत करीब होता है ,
क्योकि सत्य  को उसे खोजना नहीं होता ,
सत्य तो सदा उसके साथ होता हैं |

जिन चेहरों पे नकाब होता है वास्तव ,
मै वो ही दुनिया मै खराब होता हैं |

बड़ी बड़ी बातो से बड़ा नहीं होता इंसान ,
उसको क्या पता झुकने से ही बड़ा बनता हैं इंसान |

विशवास की धरा पर खिल रहा फुल ही पेड़ बन पता हैं ,               
नहीं तो वो भी बहार बन कर उड़ जाता है |

इन सब के आगे हर सवाल अधूरा रह जाता हैं  
  क्योकि हर चेहरे पे नकाब चदा नजर आता हैं |

1 टिप्पणी:

BAWA ASTROLOGER ने कहा…

mein na unse door ,tha,wo na ham see door tha,ata tha na nazzar bass naazar ka kassor tha

तेरी तलाश

निकला था तेरी तलाश में भटकता ही रहा हुआ जो सामना एक दिन आईने से , पता चला तू तो ,कूचा ए दिल में कब से बस रहा ................