शुक्रवार, 4 जून 2010

होगा अभिमन्यु केसे अब ?

लगातार कुछ दिनों से जो पत्रिकाए देखने मै आरही हैं वो अंतर  जातीय विवाह की हैं या घर से भाग कर शादी कर लेने वाले लोगो की और बाद मै तलाक तक की स्थितियों तक पहुँच जाने वाले लोगो की हैं |
या ऐसे लोगो की हैं जो अपने बच्चो से परेशान  हैं खास कर पहली संतान से सम्बंधित |अपनेएक रिसर्च के दोरान मेने पाया हैं की वो शादियाँ  जो भाग कर की गयी हैं या ऐसा विवाह जिसमे महिला पक्ष की कोई मर्जी नहीं पूछी गयी हैं उनकी पहली संतान जो शादी के पहले से दुसरे साल मै हो गयी बड़ी परेशान करती हैं ,कहना नहीं मानती और बात बात पर अपने आप को नुक्सान पहुचाने की बात करती हैं |
 उनकेमाता पिता उनके लिए बड़े परेशान होकर आते हैं पूछते हैं कोई मदत कीजिये |
क्या कहू उनको जिन्होंने जीवन के शादी जेसे विषय को खेल समझा हैं या समझ रहे है अपने ही बोये बीजो को अब सहन नहीं कर पा रहे ,खेर उस समय तो हल कर विदा लेना ही उचित समझती हूँ |पर सोच ती हूँ इसके पीछे छिपे एक साधरण से ज्ञान को लोग क्यों नहीं समझ सकते और उस देश के लोग जो ये जानते हैं की अभिमन्यु जेसे योद्धा ने अपनी माता के गर्भ मै ज्ञान प्राप्त किया था |लोगो के आधुनिकता की और बड़ते कदमो ने आने वाली नस्लों को खुद अपने ही हाथो बिगाड़ दिया हैं कभी कभी बड़ा दुःख होता हैं की हम किस और बड़ रहे है किस ज्ञान को खोज रहे है ?जो हमारे पास हैं उसका हमारे लिए कोई मतलब नहीं हैं ?यही तो दुर्भाग्य हैं |
चलिए अब अपने विषय पर आती हूँ सोच सकते हैं क्या कारन हैं बिगड़ी संतान होने का ?
नहीं ना कुछ सोच लेते हैं पर दूर तक अपना नहीं पाते सही रास्ता | जब ऐसा विवाह होता हैं जो प्रेम विवाह है और जो दो परिवारों की मर्जी के खिलाफ हुआ हैं उसमे शुरू का समय तो याने कुछ महीने जब तक ख़ास कर लक्ष्मी की कृपा बनी होती हैं सब ठीक होता हैं इन ही छ माहो मै स्त्री गर्भ धारण कर लेती हैं बड़ा कोई पास नहीं होता |क्या खाए ?क्या पहने ?क्या पड़े ?
केसा आचरण करे तब कोई पास नहीं होता और बेलगाम जीवन केसा होता हहिं उसकी व्याख्या करने की कोई आवश्यकता नहीं | वो सारे प्रभाव गर्भ मै पल रहे बच्चे पर पड़ता हैं क्योकि वो सबसे अलग रहकर माँ से जुड़ता है इसी लिए आगे वो बच्चा परिवार के लोगो को अपना बनकर कभी नहीं अपना सकता |
चलिए शादी के कुछ समय बाद परिवार को ये पता लगता हैं तो सज्जन परिवार के लोग अपनी बहु को अपने साथ घर ले आते हैं |लेकिन यंहा अब बंदिशों के कारण विवाद परिवार मै ना हो पर, पति और पत्नी के बिच अक्सर रातो को होते ही रहते हैं ,इन विवादों का जहर और माँ का रोना बच्चे के  लिए जहर का काम करते हैं |
ये जहर धीरे धीरे बढता जता हैं बच्चे के बड़े होने के साथ साथ विकसित भी और वही परेशानियां आने लगती हैं जो लोग करते हैं ख़ास कर अपने को नुक्सान पहुचाने की , अपनी मर्जी से काम करने की |
वही उगता हैं जो धरती के गर्भ मै किसान बोता है और जो सीचा जाता हैं |
इसिलए कल को सुधारना हैं तो हम आज को सुधारे |

 इसीलिए मै गुजारिश करुँगी उन महिलाओं से जो  गर्भवती हैं और अपने सपनो को सच करना चाहती हैं अपने मै कुछ विशेष गुणों का समावेश इन ख़ास नो महीनो के दोरान करे |
  1.   अपने आप को और अपने रिश्तो को मधुरबनाने  की कोशिश करे |
  2.  आप जिस भी धरम के उपासक हो अपना धरम ग्रन्थ पड़े |
  3.   अपने घर के बड़ो का रोज आशीर्वाद ले |
  4.  सुबह शाम अपने ईशवर के नियमित जो भी हो सके पूजा पाठ करे |
  5.  अगर आप हिन्दू हैं तो ख़ास कर रामायण का पाठ जरुर नियमित करे |
  6.  ऐसे लोग जिनको पूरा आराम करने की सलाह दी गयी हैं वो अपने बिस्तर पर ही लेटे लेटे अच्छी पुस्तके पड़े ,या ईशवर का नाम लेते  रहे |
  7.   टेलीविजन के सीरियलों से सख्त परहेज करे |
  8. इसकी बदले आप कुछ अच्छे स्त्रोत मंत्रो को सुने या जाप करे |
  9.  ईशवर कानाम लेकर ग्यारह बार सुबह और शाम श्वास लेते और छोड़ते रहे |
  10.  पतियों को चाहिए की इस समय अपना पूरा ध्यान और स्नेह और साथ पत्नी को दे |
  11.   अपने सोने का कमरा साफ़ रखे |
  12.     अपने कमरे मै सिरहाने पानी जरुर रखे |
  13. नियमित सूर्य देवता को जल दे |
  14. गर्भ मै बच्चो पर मंत्रो का विशेष प्रभाव पड़ता हैं हैं इसलिए अपने ग्रहों के अनुसार मंत्रो का जाप या माँ भगवती का स्मरण करते रहे |
  15. एक साधरण सा मन्त्र हैं " सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके शरण्ये त्र्यम्बके गौरी नारायणी नमोस्तु ते | का जाप करते रहे |
  16. किसी भी प्रकार के विवादों से बचे |
  17.  कमरे मै अपने इष्ट की तस्वीर जरुर रखे और नियमित इनको प्रणाम करे |
  18. और अंतिम सभी से बड़े स्नेह के साथ रहे उची आवाज मै ना बोले ,बड़ो की बातो को मानने का प्रयास करे |
  19. अब आप अगर इन सब बातो को ध्यान रखे तो निश्चित ही आप एक आज्ञाकारी संतान के माता -पिता होंगे |

2 टिप्‍पणियां:

रामेन्द्र सिंह भदौरिया ने कहा…

बहुत अच्छा लिखा है,आशा है बुद्ध जन अपनाने की कोशिश करेंगे.

BAWA ASTROLOGER ने कहा…

खूबसूरत है वो लब जिन पर दूसरों के लिए कोई दुआ आ जाए,

खूबसूरत है वो मुस्कान जो दूसरों की खुशी देख कर खिल जाए,

खूबसूरत है वो दिल जो किसी के दुख मे शामिल हो जाए,

खूबसूरत है वो जज़बात जो दूसरो की भावनाओं को समज जाए,

खूबसूरत है वो एहसास जिस मे प्यार की मिठास हो जाए,

खूबसूरत है वो बातें जिनमे शामिल हों दोस्ती और प्यार की किस्से, कहानियाँ,

खूबसूरत है वो आँखे जिनमे किसी के खूबसूरत ख्वाब समा जाए,

खूबसूरत है वो हाथ जो किसी के लिए मुश्किल के वक्त सहारा बन जाए,

खूबसूरत है वो सोच जिस मैं किसी कि सारी ख़ुशी झुप जाए,

खूबसूरत है वो दामन जो दुनिया से किसी के गमो को छुपा जाए,

खूबसूरत है वो किसी के आँखों के आसूँ जो किसी के ग़म मे बह जा ..

तेरी तलाश

निकला था तेरी तलाश में भटकता ही रहा हुआ जो सामना एक दिन आईने से , पता चला तू तो ,कूचा ए दिल में कब से बस रहा ................