बुधवार, 13 जनवरी 2010

तनहाई

साथ हो तुम फिर भी तनहाई  है मन के आँगन मै
सब कुछ है पर तुम बिन सुनी पड़ी है आहटे

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तेरी तलाश

निकला था तेरी तलाश में भटकता ही रहा हुआ जो सामना एक दिन आईने से , पता चला तू तो ,कूचा ए दिल में कब से बस रहा ................